Search Your Mind

Monday, 26 November 2012

किसी को अपना बनाने की अपेक्षा  अपना मानने में समय लगता है ! कोई अपना हो जाये ,यह काफी नहीं ,हमे भी उसका बन जाना होता है! कोई बलपूर्वक और यत्नपूर्वक चेष्टा करे की हम उसे अपना मान लें ,वह व्यक्ति सचमुच हमारे आदर के योग्य है क्योंकि उसने परिश्रम पूर्वक यत्न से हमें अपनी ओर कर लिया है !
         

पूज्य श्री तनसिंह जी की डायरी से