परिश्रम हमारा हक है ,जिसे कोई झुठला नही सकता ! परिश्रम में मिलने वाला हक भी हमारा उपार्जित हक है ,जिसे कोई छिन नही सकता !यदि हर व्यक्ति मनोयोग से परिश्रम पर जुट जाये ,तो किसी भी कार्य में इतनी सहायता मिल सकती है ,जिसकी कल्पना भी करना सरल नहीं !
पूज्य श्री तनसिंह जी की डायरी से